१. पं. विद्यानिवास मिश्र के जन्म-दिवस पर १४ जनवरी, २००६ को ‘मिश्र जी के साहित्यिक अवदान’ पर तथा १४ जनवरी, २००७ को ‘आज का समय व साहित्य’ विषय पर प्रख्यात आलोचक डॉ. बच्चन सिंह की अध्यक्षता में तथा १४ जनवरी, २००८ को ‘संस्कृति और समन्वय’ विषय पर डॉ. युगेश्वर की अध्यक्षता में विचार-गोष्ठी का आयोजन किया गया।
२. १४ जनवरी, २००६ को श्री राम जियावन दास बावला, १४ जनवरी, २००७ को डॉ. शिवजी उपाध्याय तथा १४ जनवरी, २००८ को श्री चन्द्र भूषणधर द्विवेदी की अध्यक्षता में काव्य-संध्या का आयोजन किया गया जिनमें सर्वश्री श्रीकृष्ण तिवारी, हरिराम द्विवेदी, अशोक सिंह, रवीन्द्र कुमार उपाध्याय ‘‘कौशिक’’, सुरेश बाजपेयी, राम औतार पाण्डेय आदि कवियों ने काव्य-पाठ किया।
३. लोककवि सम्मान की शृंखला में २००६ में श्री राम जियावन दास बावला, २००७ में श्री चन्द्र शेखर मिश्र तथा २००८ में भोजपुरी कवि श्री हरिराम द्विवेदी को सम्मानित किया गया।
४. वार्षिक शोध-पत्रिका ‘चिकितुषी’ के २००६ के प्रवेशांक का लोकार्पण डॉ. कुटुम्ब शास्त्री, कुलपति राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान द्वारा डॉ. कपिला वात्स्यायन की अध्यक्षता में किया गया। इसके प्रथम अंक का लोकार्पण २००७ में कलाविद श्री राय आनन्द कृष्ण द्वारा डॉ. बच्चन सिंह की अध्यक्षता में किया गया। ‘चिकितुषी’ के द्वितीय अंक का लोकार्पण इतिहासविद् डॉ. दयानाथ त्रिपाठी द्वारा प्रोपेâसर हरीदत्त शर्मा की अध्यक्षता में किया गया।
५. पं. विद्यानिवास मिश्र की पुण्यतिथि पर १४ फरवरी, २००६ को आचार्य शिवजी उपाध्याय की अध्यक्षता में, १४ फरवरी, २००७ को आचार्य रेवा प्रसाद द्विवेदी की अध्यक्षता में एवं १४ फरवरी, २००८ को पं. वायुनन्दन पाण्डेय की अध्यक्षता में संस्कृत कवि-गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिनमें प्रो. प्रभुनाथ द्विवेदी, श्री रमाशंकर मिश्र, डॉ. राजाराम शुक्ल, डॉ. मनुदेव भट्टाचार्य, श्री हरिप्रसाद अधिकारी, डॉ. वायुनन्दन पाण्डे व डॉ. हरिश्चन्द्र मणि त्रिपाठी आदि ने भाग लिया।
६. १४ फरवरी, २००८ को प्रेस क्लब, लखनऊ के सभागार में यूथ आर्गनाईजेशन ऑफ सोशल अवेयरनेस एवं विद्याश्री न्यास के संयुक्त तत्त्वावधान में ‘राष्ट्रीय अस्मिता एवं हिन्दी की संस्कृति’ विषय पर डॉ. सूर्य प्रकाश दीक्षित के विशिष्ट आतिथ्य एवं श्री गोपाल चतुर्वेदी की अध्यक्षता में विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
७. २४-२५-२६ मार्च, २००६ को पं. विद्यानिवास मिश्र स्मृति, प्रथम व्याख्यान भारत भवन, भोपाल के सभागार में श्री गोविन्द चन्द्र पाण्डे द्वारा ‘भारतीय अस्मिता की खोज’ विषय पर दिया गया जो प्रकाशित हो चुका है। दिनांक ८-९ मार्च, २००७ को इस शृंखला का दूसरा व्याख्यान अशोक बाजपेयी द्वारा ब्रज साहित्य अकादमी, वृन्दावन के सभागार में ‘समकालीन कविता’ विषय पर दिया गया जो प्रकाशनाधीन है। दि. ३ से ५ जनवरी, २००८ तक इस शृंखला का तीसरा व्याख्यान अलंकारशास्त्र, ध्वनि-विज्ञान और रस सिद्धान्त पर साहित्य-मर्मज्ञ श्री सुरेश चन्द्र पाण्डेय द्वारा हिन्दुस्तानी एकेडमी इलाहाबाद के सभागार में दिया गया।
८. अप्रकाशित रचनाओं की शृंखला में ‘रहिमन पानी राखिये’, ‘भारतीय संस्कृति के आधार’, ‘श्री गीत गोविन्दम्’ हिन्दी संस्कृत व्याख्या सहित, ‘कितने मोर्चे’, ‘साहित्य का सरोकार’, ‘अज्ञेय : वन का छन्द’, ‘भक्ति काव्य का उत्कर्ष : ‘तुलसीदास’, ‘फाउण्डेशन ऑफ इण्डियन एस्थेटिक्स’ एवं पं. विद्यानिवास मिश्र स्मृति-ग्रन्थ ‘अक्षर पुरुष’ का प्रकाशन कराया गया।